भिंडी की यह उन्नत किस्मे बना देंगी जल्दी मालामाल, 40 से 45 दिन में ही देने लगती है पैदावार। भारत में अनेक सब्जियों की खेती की जाती है. देश में जो भिंडी की उन्नत किस्में जो बोई जाती हैं उनका अपना एक अलग ही महत्व होता है क्योंकि ऐसे तो बाजार में बहुत सी भिंडी की किस्में मिलती हैं लेकिन जो पैदावार भिंडी की उन्नत किस्में दे पाती हैं वो सामान्य किस्में नहीं दे पाती और भिन्डी की उन्नत किस्में कुछ कुछ रोग रोधी भी होती हैं जिससे पैदावार पर सीधे तौर पर फर्क पड़ता है तो आइये आपको बताते है भिंडी की किस्मो के बारे में.
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भिंडी की उन्नत किस्मे

पूसा सावनी: भिंडी की उन्नत किस्मो के बारे में बताये तो यह पूसा सावनी किस्म भी आती है यह गर्मी के मौसम में 40 से 45 दिन और वर्षा के मौसम में 60 से 65 दिन के बाद उत्पादन देने लगती है.
पूसा मखमली: पूसा मखमली के फल चिकने होते हैं और यह किस्म पूसा सावनी से भी अधिक उपज देती है लेकिन इस किस्म में मोजैक रोग भी अधिक लगता है इसलिए अधिकतर इसकी उपज घट जाती है.
हरभजन भिंडी: इसके बारे में बताये तो इस किस्म के फल अधिक लंबे होते हैं और इसके साथ ही चमकीले भी होते हैं लेकिन सबसे बड़ी बात इसके फल कांटे रहित 8 धारियों वाले होते हैं और पौधे तो अधिक उपज देते ही हैं.

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परभनी क्रांति: यह किस्म भी भिंडी की नई उन्नत किस्मों में से एक है इसके फल भी लंबे और मुलायम होते हैं इस किस्म की सबसे खास बात यह है कि इस किस्म में एक सबसे खतरनाक रोग पीला विषाणु रोग नहीं लगता है.
पंजाब पद्मिनी: इस किस्म के बारे में बताये तो इस किस्म का विकास पंजाब विश्वविद्यालय से हुआ है इसकी खासियत यह होती है कि इसके फल सीधे, चिकने और गहरे रंग के होते हैं.
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